Gill Ayurvedic Clinic
Friday 18 January 2019
Sunday 16 December 2018
ताकत का खजाना ( अनुभूत योग )
मर्दाना कमजोरी का सफल ईलाज।
1. सफैद मुसली 100 ग्राम
2. काली मुसली 20 ग्राम
3. गोखरू 20 ग्राम
4. सतावर 20 ग्राम
5. कौंच के बीजों की गिरी 20 ग्राम
6. सौंठ 20 ग्राम
7. सफैद मिरच 20 ग्राम
8. पीपल 20 ग्राम
9. बलबीज 20 ग्राम
10.समुंदर शोख 20 ग्राम
11.केसर 10 ग्राम
12.तज 6 ग्राम
13.जावित्री 10 ग्राम
14. जायफल 10 ग्राम
15.शिलाजीत 50 ग्राम
16. प्रवाल भसम 20 ग्राम
सभी वस्तुओं को पीसकर कपडछान करके उसमें शिलाजीत मिलाकर रख लो।
2 - 2 ग्राम प्रात:सांय शहद में मिलाकर चाटना चाहिए। उपर से गरम दुध पीना चाहिए। शरीर में ताकत और सफूरति पैदा होगी। इंदरीय कमजोरी दुर करे। । शास्त्री अनुभूत योग है।
For more Call. +91 9922548512
1. सफैद मुसली 100 ग्राम
2. काली मुसली 20 ग्राम
3. गोखरू 20 ग्राम
4. सतावर 20 ग्राम
5. कौंच के बीजों की गिरी 20 ग्राम
6. सौंठ 20 ग्राम
7. सफैद मिरच 20 ग्राम
8. पीपल 20 ग्राम
9. बलबीज 20 ग्राम
10.समुंदर शोख 20 ग्राम
11.केसर 10 ग्राम
12.तज 6 ग्राम
13.जावित्री 10 ग्राम
14. जायफल 10 ग्राम
15.शिलाजीत 50 ग्राम
16. प्रवाल भसम 20 ग्राम
सभी वस्तुओं को पीसकर कपडछान करके उसमें शिलाजीत मिलाकर रख लो।
2 - 2 ग्राम प्रात:सांय शहद में मिलाकर चाटना चाहिए। उपर से गरम दुध पीना चाहिए। शरीर में ताकत और सफूरति पैदा होगी। इंदरीय कमजोरी दुर करे। । शास्त्री अनुभूत योग है।
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Wednesday 12 December 2018
Depression / तनाव से मुक्ति
Depression Relive Tips.
तनाव से मुक्ति के लिए : -
** तनाव से मुक्ति के लिए यह प्रयोग करें **
1.नियमित प्राथनां करें।
2.मैत्रीपूर्ण बनें।
3.सकारात्मक सोच विकसितक करें।
4.समय का सम्मान करना सीखें।
5.जल्दबाजी का काम शैतान का होता है।
6.एक साथ दो नाव या घोडे पर सवार होना तनावरूपी मौत को बुलाना है।
7.तनाव के क्षणों में आधा घंटा व्यायाम करें या तेजी से टहलें।
8.मन से हीन भावना को जड से उखाड़ फेंकें।
9.गलत या सही किसी भी निर्णय या बातचीत के
दौरान त्वरित उतेजनां से बचें।
10.तनाव से मुक्ति के लिए डायरी लिखें।
11.गलत या सही का सही निर्णय लेना सीखें।
12.हर रोज कम से कम 6 - 8 घंटा अवश्य सोयें
12.तनाव से मुक्ति के लिए नींद की झपकी लें।
13.तनाव के क्षणों को को सृजनात्मक कार्य में लगायें
हवा को निगलते हुए इस सांस लें कि हवा पेडू
तक जाती हुई महसूस हो।। फिर सांस को।
धीरे-धीरे लम्बे समय तक निकालें तथा अनुभव
करें के आप शांत एवं शिथिल होते जा रहे है।
सांस के साथ पेट भी उसी अनुपात में पिचकाते
जाये। सांस निकालते समय अनुभव करें कि
शरीर के सारे तनाव, विकार एवं रोग बाहर निकल रहे हैं। शरीर सवसथ एवं तनाव मुक्त, आनंदित, एवं मुदित हो गया है।
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ਗੰਜੇਪਣ ਵਾਸ਼ਤੇ (ਅਜਮਾਇਆ ਹੋਇਐ)
ਗੰਜੇਪਣ ਲੲੀ।
ਬੇਰੀ ਦੇ ਹਰੇ ਪੱਤੇ 100 ਗ੍ਰਾਮ
ਨਿੰਮ ਦੇ ਹਰੇ ਪੱਤੇ 50 ਗ੍ਰਾਮ
ਇਹ ਦੋਵੇ ਲੈਕੇ ਰਗੜ ਕੇ ਗੁੱਦਾ ਬਣਾ ਲਵੋ 'ਤੇ ਗੰਜ
ਵਾਲੀ ਜਗ੍ਹਾ ਤੇ ਲੇਪ ਕਰ ਦਿਉ,ਇਹ ਲੇਪ 6 ਘੰਟੇ ਲਗੀ ਰਹਿਣ ਦਿਉ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੁਝ ਦਿਨ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣ ਨਾਲ ਭਰਵੇਂ ਵਾਲ ਉਗ ਪੈਣਗੇ।
ਬੇਰੀ ਦੇ ਹਰੇ ਪੱਤੇ 100 ਗ੍ਰਾਮ
ਨਿੰਮ ਦੇ ਹਰੇ ਪੱਤੇ 50 ਗ੍ਰਾਮ
ਇਹ ਦੋਵੇ ਲੈਕੇ ਰਗੜ ਕੇ ਗੁੱਦਾ ਬਣਾ ਲਵੋ 'ਤੇ ਗੰਜ
ਵਾਲੀ ਜਗ੍ਹਾ ਤੇ ਲੇਪ ਕਰ ਦਿਉ,ਇਹ ਲੇਪ 6 ਘੰਟੇ ਲਗੀ ਰਹਿਣ ਦਿਉ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੁਝ ਦਿਨ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣ ਨਾਲ ਭਰਵੇਂ ਵਾਲ ਉਗ ਪੈਣਗੇ।
Friday 7 December 2018
Fatty Liver / Jaundice
Jaundice /Fatty Liver
1.समुद्रफेन 50 ग्राम
मिश्री 50 ग्राम
दोनों को बारीक करके मिक्स कर लो।सबेरे निहार मुँह 5 ग्राम पानी से लें।
घोर प्लीहा, बढी हुई तिल्ली ठीक होती है।
2.100 ग्राम कुटकी लेकर उसे घी में भून लें और बाद में उसे पीसकर चूर्ण बना लें। 3-3 ग्राम की मात्रा में इसे दिन में 3-4 बार शहद में मिलाकर रोगी को चटायें।
रोगी को दिन में 2-3 बार गनें का रस,फलों और सब्जियों का रस, नींबू की शिकंजवी लेनें को कहें 4-5। दिन में यकृत का कार्य समान्य होनें लग जाता है।
Acidity ke liye
Acidity k Liye.
अमलपित रोग से मुक्ति।
1.इसबगोल की भूसी 100 ग्राम, बेल पत्र का चूर्ण 100 ग्राम,मीठा सोडा 25 ग्राम को मिलाकर
3 - 3 ग्राम भोजन करने के बाद ताजे पानी से लें।
2.इसबगोल की भुसी 100 ग्राम, छोटी हरड का चूर्ण 100 ग्राम, मीठा सोडा 25 ग्राम, मिश्री 100 ग्राम। इन सभी को बारीक करके-मिकस करके एक साफ डिब्बे में रख लें। रात में सोते समय एक चमच ताजा पानी से लें।
3.इसबगोल की भूसी 100 ग्राम तथा आयुर्वेद की दवा अविपतिकर चूर्ण 100 ग्राम को मिलाकर रख लें। यह मिश्रण 10 ग्राम प्रतिदिन रात्रि में सोते समय और दोपहर में खाने के बाद ठंडे पानी से या गाय के दूध के साथ नियमित सेवन करें। यह एसीडिटी की अचूक दवा है।
भोजन में खटाई व अरहर की दाल,बेसन,चाय - काफी,मदिरा,तमबाकू का सेवन नहीं करना है।
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Thursday 6 December 2018
दूषित व्रण
दूषित व्रण
दूषित व्रण
जिस व्रण में कीडे भी पड़ गए हों और अत्यंत दूषित हो गया हो उसे पोहकरमूल के कवाथ से धोना चाहिए। इससे जल्द कृमि समूल नष्ट होकर घाव भरने के योग्य हो जाता है।
दूषित व्रण
जिस व्रण में कीडे भी पड़ गए हों और अत्यंत दूषित हो गया हो उसे पोहकरमूल के कवाथ से धोना चाहिए। इससे जल्द कृमि समूल नष्ट होकर घाव भरने के योग्य हो जाता है।
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