मुख के छालों की दवा
संगजराहत की भस्म
सोनागेरु
फिटकरी भूनी
पपरिया कथा
छोटी इलायची के दाने
सब 10 - 10 ग्राम लेकर और कूट - पीसकर,छान कर साफ शीशी में भरकर रखना। इस औषधि को शहद में मिलाकर छालों पर लगाने अथवा सूखा चूरण बुरकने से मुखपाक रोग दूर होत्ता है।
विशेष :- मुखपाक रोग आमाशय में उष्णता बढने से होता है। इस औषधि के साथ - साथ यदि त्रिफला चुरन एक चमच प्रतिदिन रात को दे दिया जाये तो शीघ्र लाभ होता है।
Mob. +91 9922548512
+91 9823627586
संगजराहत की भस्म
सोनागेरु
फिटकरी भूनी
पपरिया कथा
छोटी इलायची के दाने
सब 10 - 10 ग्राम लेकर और कूट - पीसकर,छान कर साफ शीशी में भरकर रखना। इस औषधि को शहद में मिलाकर छालों पर लगाने अथवा सूखा चूरण बुरकने से मुखपाक रोग दूर होत्ता है।
विशेष :- मुखपाक रोग आमाशय में उष्णता बढने से होता है। इस औषधि के साथ - साथ यदि त्रिफला चुरन एक चमच प्रतिदिन रात को दे दिया जाये तो शीघ्र लाभ होता है।
Mob. +91 9922548512
+91 9823627586
No comments:
Post a Comment